Tuesday, September 22, 2009

नर्मदा घाटी की सीतारेवा जल विद्युत परियोजना निजी क्षेत्र को

नर्मदा घाटी की छोटी जल विद्युत सम्भावनाओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुये 15 मेगावाट क्षमता की सीतारेवा जल विद्युत परियोजना का निर्माण और संचालन निजी क्षेत्र को सौंपने का निर्णय लिया गया है। प्रदेष की लघु जल विद्युत परियोजना प्रोत्साहन नीति का अनुसरण करते हुये नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण अपनी पहली जल विद्युत परियोजना को निजी क्षेत्र से पूरा कराने का प्रस्ताव नर्मदा नियंत्रण मण्डल के समक्ष प्रस्तुत किया था। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सोमवार को सम्पन्न मण्डल की बैठक में इस परियोजना का निर्माण निजी क्षेत्र को दिये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया। छिन्दवाडा जिले में नर्मदा की सहायक सीतारेवा नदी पर बनने वाली इस परियोजना से उत्पादित होने वाली बिजली का 15.60 प्रतिशत अंश राज्य को निःशुल्क उपलब्ध होगा। शेष बिजली भी मध्यप्रदेश को ही बेची जायेगी। परियोजना का निर्माण सीतारेवा नदी के प्राकृतिक रूप से लगभग 600 फीट ऊंचे जल प्रपात का उपयोग कर किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने नर्मदा घाटी में व्यापक सर्वेक्षण कर कई लघु जल विद्युत उत्पादन स्थलों का चयन किया है इनमें प्रमुख रूप से राघवपुर (20 मे.वा.), रोसरा (35 मे.वा.), बसानिया (60 मे.वा.), और सीतारेवा (15 मे.वा.) प्रमुख हैं।

नर्मदा नियंत्रण मण्डल की बैठक की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को आबंटित नर्मदा जल का उपयोग सन् 2024 की समय सीमा के अन्दर किया जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिये परियोजनाओं के निर्माण में गुणवत्ता सहित समय सीमा पर कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिये। नर्मदा घाटी की मध्यम और लघु परियोजनाओं के निर्माण को गति देने के लिये नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत बनाई गई ''नर्मदा अंचल'' मध्यम और लघु सिंचाई परियोजना परिषद् द्वारा प्रस्तावित परियोजना सर्वेक्षण और अन्य संबंधित कार्यो के प्रस्ताव का भी नर्मदा नियंत्रण मण्डल ने अनुमोदन कर दिया। प्रस्ताव के अंतर्गत प्रथम चरण में हाण्डिया से ओंकारेश्वर बांध तक 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सर्वेक्षण और परियोजना प्रतिवेदन बनाने के कार्य किया जायेगा। नर्मदा नियंत्रण मण्डल की बैठक में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री ओ.पी. रावत ने उक्त प्रस्तावों सहित पुनासा उद्वहन सिंचाई परियोजना की पुनरीक्षित लागत रू0 482.80 करोड की प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया जिसका नियंत्रण मण्डल ने अनुमोदन कर दिया।

बैठक में वित्त मंत्री श्री राघवजी, लोक निर्माण मंत्री श्री नागेन्द्र सिंह, जल संसाधन मंत्री श्री जयंत मलैया, नर्मदा घाटी विकास राज्यमंत्री एवं नर्मदा प्राधिकरण अध्यक्ष श्री के.एल. अग्रवाल, मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री ओ.पी.रावत, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुराग जैन तथा अधिकारीगण उपस्थित थे।



--
By :  News Team

No comments: