नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने कहा है कि मध्यप्रदेश को आगामी दस वर्षों में झुग्गी मुक्त राज्य बनाया जायेगा। इसके लिये प्रदेश के 105 नगरों की विकास योजनाओं पर विचार किया जा रहा है। श्री गौर ने कहा कि स्थानीय शासन विभाग को सुदृढ़ करके राज्य में नये अतिक्रमण न हो इसके प्रयास शुरू से ही किये जायेंगे। श्री गौर आज यहां मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस पर आयोजित संगोष्ठी ' आश्रय का अधिकार ' के द्वितीय एवं समापन सत्र में बोल रहे थे। इस अवसर पर आयोग के अध्यक्ष जस्टिस श्री डी.एम.धर्माधिकारी, सदस्य द्वय जस्टिस श्री ए.के.सक्सेना और विजय शुक्ल, पूर्व आय.ए.एस. अधिकारी श्री महेश नीलकंठ बुच, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन और विकास विभाग श्री राघवचन्द्रा, प्रमुख सचिव आवास एवं पर्यावरण विभाग श्री आलोक श्रीवास्तव तथा आयोग के प्रमुख सचिव श्री राकेश अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित थे। श्री गौर ने कहा कि बड़े उद्योगों की स्थापना के कारण ग्रामीण और कुटीर उद्योगों में कार्यरत मजदूर बेरोजगार हुये हैं, इस कारण बड़ी संख्या में लोगों का शहरों की और पलायन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि भोपाल को आगामी दस वर्षों में झुग्गी मुक्त-आवासयुक्त शहर बनायेंगे। श्री गौर ने जानकारी दी कि निर्धन वर्ग के लोगों के लिये आसान किस्तों पर लगभग साढे तीन लाख रूपये मूल्य के मकान शहर के पांच किलोमीटर की पेरी-फेरी में बनाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि केन्द्र सरकार की जेएनएनआरयूएम योजना के तहत झुग्गी बस्तियों के लोगों के पुर्नविस्थापन के लिये चार मंजिला भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। इस प्रकार भोपाल में वर्तमान में गंदी बस्तियों के लोगों के लिये 37 योजनाएं संचालित हैं। जस्टिस श्री डी.एम.धर्माधिकारी ने कहा कि जीवन का अधिकार व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। यह अधिकार तब तक नागरिकों को नहीं मिल सकता तब तक उन्हें उनकी मूलभूत तीन आवश्यकताओं रोटी, कपड़ा और मकान की पूर्ति न हो पाती हो। श्री धर्माधिकारी ने कहा कि नागरिकों को रोटी कपड़ा तो मिल जाता है लेकिन शहरीय क्षेत्रों में मकान नहीं मिल पाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और गृह निर्माण एजेंसियों को ऐसे प्रयास करने चाहिए जिससे समाज के सबसे बड़े मध्यम वर्ग को रियायती मूल्यों पर आश्रय की सुविधा उपलब्ध हो सके। पूर्व आय.ए.एस. अधिकारी श्री एम.एन.बुच ने कहा कि झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों का वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल नहीं होना चाहिये। यहां पर रहने वाले लोगों को उनके रोजगार स्थल के आसपास ही बेहतर बुनियादी सुविधाओं वाले मकान दिये जाने चाहिये। श्री बुच ने कहा कि जब तक सहकारिता और आवास निर्माण के क्षेत्र में ईमानदार कार्यकर्ता नहीं होंगे तब तक सरकार की आवास नीति ठीक ढंग से संचालित नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा कि केवल शहरों में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी अन्यान्य सेवाओं के लिये तैनात शासकीय सेवाओं को जब तक वहां आवास सुविधा उपलब्ध नहीं होगी तब तक वे अपनी सेवाएं नहीं दे पायेंगे और इस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही जनपयोगी सेवा-सुविधाओं का स्तर अच्छा नहीं होगा। | ||||
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Tuesday, September 22, 2009
मध्यप्रदेश को दस वर्षों में झुग्गी मुक्त राज्य बनाया जायेगा-श्री गौर
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