Tuesday, September 22, 2009
Workshop on Soft Skills
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By : News Team
A three day Surana & Surana National Trial Advocacy Moot Court Competition
CHANDIGARH: 18 Sept. 2009: A three day Surana & Surana National Trial Advocacy Moot Court Competition (India North Rounds) from 18 September, 2009 to 20 September, 2009 commences today at University Institute of Legal Studies (UILS), Panjab University. The moot will encourage excellence of intellect and astuteness in argumentation, spirited and healthy competition, team solidarity, and goodwill and harmony with other teams.
Twelve teams from various parts of the country are participating in this prestigious competition wherein they would be tested for their legal acumen. Their acumen will be judged by dignitaries from the Punjab & Haryana High Court and intellectuals in the field of law. The participating teams include Army Institute of Law, Mohali, Baba Farid Law College, Faridkot, Devi Ahilya Vishwavidhyalaya, Indore, Dr. Ram Manohar Lohiya National Law University, Lucknow, Faculty of Law, University of Allahabad , GNLU, Gandhinagar, Institute of Law, Nirma University, Ahmedabad, NUALS, Cochin, Rayat & Bahra College of Law, Sahauran, Rayat College of Law, Railmajra, University Institute of Laws Panjab University Regional Centre, Ludhiana and University Institute of Petroleum and Energy Studies, College of Legal Studies, Dehradun. They would be tested on matters related to Information Technology Act, the Indian Penal Code and medical jurisprudence.
The detailed programme is given below:
Today the teams got themselves registered from 3:00 PM to 4:00 PM which was followed by a welcome address by the Hon'ble Director of UILS, Prof. Ms. Sangita Bhalla. An Orientation Session by Mr. Ravi Chandran was held to acquaint the teams regarding the Competition and was accompanied by the exchange of memorials. During his orientation lecture, Mr. Chandran briefed the teams and the participants about the event and said, "This event is a new concept as it will try to involve many students of the department. Not only will it involve the student as participating teams but also as witness and other functionaries of the court. Also, this event will be a simulation of court procedure and will be benefiting the young lawyers by exposing them to the actual court room procedure."
Preliminary rounds will be held on 19th September, 2009 beginning at 9:00 AM and continuing till 1:30 PM. The qualifying teams will enter the Semi-Finals which will commence at 2:30 PM and continue till 5:30 PM. It will be followed by the announcement of results and exchange of memorials. On the concluding day, i.e. 20th September, 2009 the final rounds will start at 9:30 AM and continue till 11:30 AM. Hon'ble Mr. Justice T. S. Thakur, Chief Justice, Punjab & Haryana High Court will preside over as the Chief Guest for the Valedictory Ceremony to be held at 12:00 PM in the Moot Court Hall, Department Of Laws, Panjab University. The Guests of Honour would be Hon'ble Mr. Justice Varinder Singh, Judge, Jammu & Kashmir High Court, Hon'ble Mr. Justice Surya Kant, Judge, Panjab & Haryana High Court and other dignitaries, according to Dr. Chanchal Narang, Media In-charge, UILS.
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By : News Team
गरीब सुखवती बाई और उसके नवजात शिशु को मिला नया जीवन
आर्थिक तंगी के साथ अपनी बीमार गर्भवती पत्नी के इलाज के लिये यहां वहा भटक रहे ग्राम इन्दार जिला शिवपुरी के श्रमिक मनका प्रजापति को गुना आकर मानो एक नया जीवन मिल गया हो। शिवपुरी में पहले एक निजी चिकित्सक और फिर जिला अस्पताल में इलाज कराने के बाद भी स्थिति में सुधार न आने पर मनका अपनी पत्नी को गुना उपचार के लिये ले आया। यहां उसे न केवल नि:शुल्क चिकित्सा सेवायें मिली वरन उसकी पत्नी को सुरक्षित संस्थागत प्रसव की सुविधा भी प्राप्त हुई। बच्चे को जन्म देने के पहले मनका की पत्नी सुखबाई की हालत इतनी खराब थी कि उसे 5 बोतल खून भी चढाना पडा। समय से पहले 7 माह में हुये प्रसव में उसके बच्चे की स्थिति भी काफी गंभीर थी,जिसे नवजात शिशुगहन चिकित्सा इकाई में नया जीवन मिला।
अपनी पत्नी के कष्ट और घर में आने वाले नये नन्हें मेहमान के बारे में नाकारात्मक विचार लेकर गुना अस्पताल आये मनका को उस समय मानवता और इंसानियत का भी एहसास हुआ, जब उसकी पत्नी को रक्तदान करने स्वास्थ्य विभाग के दो वाहन चालक रणवीर रघुवंशी, संतोष कोरी और एक जेसीआई के सदस्य अवधेष श्रीवास्तव अस्पताल आ पहुंचे। गरीब परिवार की महिला को खतरों से बाहर लाने के लिये सिविल सर्जन डॉ. सी.डी. शर्मा ने भी सुखवती बाई के लिये उपचार के सारे रास्ते खोल दिये। ऐसी आत्मीय सेवाये और मानवता के अंतरंग संबंधों को पाकर मनका भावविभोर हो उठा।
जिला चिकित्सालय की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. छाया शर्मा ने बताया कि महिला सुखवती बाई जब अस्पताल लाई गई तो उसकी हालत बडी नाजुक थी, उसके शरीर में खून की बहुत कमी थी। गर्भ में पल रहे बच्चे को भी जान का खतरा था। हमने पहले महिला को स्वस्थ बनाने के प्रयास शुरू किये और फिर स्थिति में सुधार आते ही महिला का सुरक्षित प्रसव भी कराया। चूंकि बच्चा समय से पहले जन्मा था, इस लिये उसकी हालत भी खराब थी। नवजात शिशु को तत्काल एन.एन.सी.यू में भर्ती कर चिकित्सा प्रांरभ की गई। डॉ. शर्मा बताती है कि यदि सब कुछ समय पर नही हुआ होता तो शायद मनका प्रजापति काफी कुछ खो बैठता।
आज मनका बहुत खुश है और ईश्वर के साथ वह जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिहं चौहान को भी धन्यवाद दे रहा हैं जिन्होंने गरीबों के लिये नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाये मुहैया कराई हैं। मनका प्रजापति जब अस्पताल से अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर घर रवाना होने लगा तब उसे जननी सुरक्षा योजना के 1400 रूपये और नि:शुल्क प्रसव परिवहन के 250 रूपये भी उपलब्ध कराये गये। मनका प्रजापति डॉ. रामवीर सिहं रघुवंशी को भी धन्यवाद देता हैं जिन्होंने विशेष रूचि लेकर इस पूरे प्रकरण में सहयोगी की भूमिका निभाई।
By : News Team
यूनेस्को ने पचमढ़ी बायोस्फियर रिजर्व को विश्व नेटवर्क में शामिल किया
यूनेस्को के मानव एवं बायोस्फियर रिजर्व कार्यक्रम के अंतर्गत जैव विविधता से सम्पन्न क्षेत्रों की पहचान कर बायोस्फियर रिजर्व क्षेत्र घोषित किये जा रहे है। इसी तारतम्य में अब तक 107 देशों के कुल 553 बायोस्फियर रिजर्व क्षेत्र घोषित किये गये हैं।
केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा देश में यूनेस्को की मार्गदर्शिका के अनुसारजैव विविधता से सम्पन्न क्षेत्रों की पहचान की जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक कुल 18 बायोस्फियर रिजर्व घोषित किये जा चुके हैं। इनमें से 2 बायोस्फियर रिजर्व क्षेत्र मध्य प्रदेश में हैं जिसमें पचमढ़ी भी एक है।
भारत के इन घोषित बायोस्फियर रिजर्व में से कुल 4 बायोस्फियर रिजर्व को पूर्व में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्रदान की जा चुकी है। मई 2009 में 3 अन्य बायोस्फियर रिजर्व इस श्रृंखला में शामिल किये गये हैं जिनमें पचमढ़ी एक है।
यूनेस्को द्वारा पचमढ़ी बायोस्फियर रिजर्व को विश्व नेटवर्क में लाने के उपलक्ष्य में पचमढ़ी में 24 सितम्बर 2009 को सुबह 9.30 बजे होटल ग्लेन व्यू में एक समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह की अध्यक्षता केन्द्र सरकार के विशेष सचिव और राष्ट्रीय मानव एवं बायोस्फियर समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस. परशीरा करेंगे।
पचमढ़ी में राष्ट्रीय मानव एवं बायोस्फियर समिति की बैठक
इस समारोह के बाद राष्ट्रीय मानव एवं बायोस्फियर रिजर्व समिति की दो दिवसीय बैठक सह कार्यशाला आयोजित की गयी है। इसमें देश के समस्त बायोस्फियर रिजर्व के राज्य प्रतिनिधियों द्वारा उनके बायोस्फियर क्षेत्र में प्रबंधन कार्य योजना पर परस्पर विचार-विमर्श होगा। बैठक में प्रबंध कार्य योजना की समीक्षा की जायेगी। इस कार्यशाला में प्राकृतिक संसाधनों जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय नागरिकों के विकास संबंधी कार्यक्रमों की भी समीक्षा होगी। कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों को 26 सितम्बर को पचमढ़ी बायोस्फियर रिजर्व क्षेत्र का भ्रमण कराया जायेगा।
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By : News Team
मध्यप्रदेश को दस वर्षों में झुग्गी मुक्त राज्य बनाया जायेगा-श्री गौर
नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने कहा है कि मध्यप्रदेश को आगामी दस वर्षों में झुग्गी मुक्त राज्य बनाया जायेगा। इसके लिये प्रदेश के 105 नगरों की विकास योजनाओं पर विचार किया जा रहा है। श्री गौर ने कहा कि स्थानीय शासन विभाग को सुदृढ़ करके राज्य में नये अतिक्रमण न हो इसके प्रयास शुरू से ही किये जायेंगे। श्री गौर आज यहां मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस पर आयोजित संगोष्ठी ' आश्रय का अधिकार ' के द्वितीय एवं समापन सत्र में बोल रहे थे। इस अवसर पर आयोग के अध्यक्ष जस्टिस श्री डी.एम.धर्माधिकारी, सदस्य द्वय जस्टिस श्री ए.के.सक्सेना और विजय शुक्ल, पूर्व आय.ए.एस. अधिकारी श्री महेश नीलकंठ बुच, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन और विकास विभाग श्री राघवचन्द्रा, प्रमुख सचिव आवास एवं पर्यावरण विभाग श्री आलोक श्रीवास्तव तथा आयोग के प्रमुख सचिव श्री राकेश अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित थे। श्री गौर ने कहा कि बड़े उद्योगों की स्थापना के कारण ग्रामीण और कुटीर उद्योगों में कार्यरत मजदूर बेरोजगार हुये हैं, इस कारण बड़ी संख्या में लोगों का शहरों की और पलायन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि भोपाल को आगामी दस वर्षों में झुग्गी मुक्त-आवासयुक्त शहर बनायेंगे। श्री गौर ने जानकारी दी कि निर्धन वर्ग के लोगों के लिये आसान किस्तों पर लगभग साढे तीन लाख रूपये मूल्य के मकान शहर के पांच किलोमीटर की पेरी-फेरी में बनाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि केन्द्र सरकार की जेएनएनआरयूएम योजना के तहत झुग्गी बस्तियों के लोगों के पुर्नविस्थापन के लिये चार मंजिला भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। इस प्रकार भोपाल में वर्तमान में गंदी बस्तियों के लोगों के लिये 37 योजनाएं संचालित हैं। जस्टिस श्री डी.एम.धर्माधिकारी ने कहा कि जीवन का अधिकार व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। यह अधिकार तब तक नागरिकों को नहीं मिल सकता तब तक उन्हें उनकी मूलभूत तीन आवश्यकताओं रोटी, कपड़ा और मकान की पूर्ति न हो पाती हो। श्री धर्माधिकारी ने कहा कि नागरिकों को रोटी कपड़ा तो मिल जाता है लेकिन शहरीय क्षेत्रों में मकान नहीं मिल पाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और गृह निर्माण एजेंसियों को ऐसे प्रयास करने चाहिए जिससे समाज के सबसे बड़े मध्यम वर्ग को रियायती मूल्यों पर आश्रय की सुविधा उपलब्ध हो सके। पूर्व आय.ए.एस. अधिकारी श्री एम.एन.बुच ने कहा कि झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों का वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल नहीं होना चाहिये। यहां पर रहने वाले लोगों को उनके रोजगार स्थल के आसपास ही बेहतर बुनियादी सुविधाओं वाले मकान दिये जाने चाहिये। श्री बुच ने कहा कि जब तक सहकारिता और आवास निर्माण के क्षेत्र में ईमानदार कार्यकर्ता नहीं होंगे तब तक सरकार की आवास नीति ठीक ढंग से संचालित नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा कि केवल शहरों में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी अन्यान्य सेवाओं के लिये तैनात शासकीय सेवाओं को जब तक वहां आवास सुविधा उपलब्ध नहीं होगी तब तक वे अपनी सेवाएं नहीं दे पायेंगे और इस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही जनपयोगी सेवा-सुविधाओं का स्तर अच्छा नहीं होगा। | ||||
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नर्मदा घाटी की सीतारेवा जल विद्युत परियोजना निजी क्षेत्र को
नर्मदा घाटी की छोटी जल विद्युत सम्भावनाओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुये 15 मेगावाट क्षमता की सीतारेवा जल विद्युत परियोजना का निर्माण और संचालन निजी क्षेत्र को सौंपने का निर्णय लिया गया है। प्रदेष की लघु जल विद्युत परियोजना प्रोत्साहन नीति का अनुसरण करते हुये नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण अपनी पहली जल विद्युत परियोजना को निजी क्षेत्र से पूरा कराने का प्रस्ताव नर्मदा नियंत्रण मण्डल के समक्ष प्रस्तुत किया था। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सोमवार को सम्पन्न मण्डल की बैठक में इस परियोजना का निर्माण निजी क्षेत्र को दिये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया। छिन्दवाडा जिले में नर्मदा की सहायक सीतारेवा नदी पर बनने वाली इस परियोजना से उत्पादित होने वाली बिजली का 15.60 प्रतिशत अंश राज्य को निःशुल्क उपलब्ध होगा। शेष बिजली भी मध्यप्रदेश को ही बेची जायेगी। परियोजना का निर्माण सीतारेवा नदी के प्राकृतिक रूप से लगभग 600 फीट ऊंचे जल प्रपात का उपयोग कर किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने नर्मदा घाटी में व्यापक सर्वेक्षण कर कई लघु जल विद्युत उत्पादन स्थलों का चयन किया है इनमें प्रमुख रूप से राघवपुर (20 मे.वा.), रोसरा (35 मे.वा.), बसानिया (60 मे.वा.), और सीतारेवा (15 मे.वा.) प्रमुख हैं।
नर्मदा नियंत्रण मण्डल की बैठक की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को आबंटित नर्मदा जल का उपयोग सन् 2024 की समय सीमा के अन्दर किया जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिये परियोजनाओं के निर्माण में गुणवत्ता सहित समय सीमा पर कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिये। नर्मदा घाटी की मध्यम और लघु परियोजनाओं के निर्माण को गति देने के लिये नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत बनाई गई ''नर्मदा अंचल'' मध्यम और लघु सिंचाई परियोजना परिषद् द्वारा प्रस्तावित परियोजना सर्वेक्षण और अन्य संबंधित कार्यो के प्रस्ताव का भी नर्मदा नियंत्रण मण्डल ने अनुमोदन कर दिया। प्रस्ताव के अंतर्गत प्रथम चरण में हाण्डिया से ओंकारेश्वर बांध तक 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सर्वेक्षण और परियोजना प्रतिवेदन बनाने के कार्य किया जायेगा। नर्मदा नियंत्रण मण्डल की बैठक में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री ओ.पी. रावत ने उक्त प्रस्तावों सहित पुनासा उद्वहन सिंचाई परियोजना की पुनरीक्षित लागत रू0 482.80 करोड की प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया जिसका नियंत्रण मण्डल ने अनुमोदन कर दिया।
बैठक में वित्त मंत्री श्री राघवजी, लोक निर्माण मंत्री श्री नागेन्द्र सिंह, जल संसाधन मंत्री श्री जयंत मलैया, नर्मदा घाटी विकास राज्यमंत्री एवं नर्मदा प्राधिकरण अध्यक्ष श्री के.एल. अग्रवाल, मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री ओ.पी.रावत, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुराग जैन तथा अधिकारीगण उपस्थित थे।
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By : News Team
367 बाल विकास परियोजनाओं में संचालित हो रही है किशोरी शक्ति योजना
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By : News Team
भोपाल में घरेलू कामकाजी महिलाओं की पंचायत अब 10 अक्टूबर को
शासकीय चिकित्सालयों के वार्डों की नियमित धुलाई साफ-सफाई हो
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने शासकीय चिकित्सालयों के वार्डों की नियमित रूप से धुलाई करने एवं साफ सफाई रखने के निर्देश दिए है। श्री मिश्रा ने यह निर्देश आज सीहोर में भोपाल, सागर, इंदौर और उज्जैन संभागों में चले रहे स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में स्वास्थ्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, आयुक्त स्वास्थ्य, श्री मनोहर अगनानी उपस्थित थे।
लोक स्वास्थ्य मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने सभी संभागों के जिलें में चल रहे स्वास्थ्य कार्यक्रमों की बिन्दुवार समीक्षा करते हुए शासकीय चिकित्सालयों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने नियमित रूप से वार्डों की धुलाई करने तथा सभी चिकित्सीय वस्तुओं उपकरणों को साफ सुथरा रखने को कहा। उन्होंने कहा कि आज इनफेक्षन करने वाली गंदगी को हम रोक पाए तो मरीजों को बेहतर इलाज दे पाएंगे। श्री मिश्रा ने सीमॉक और बीमॉक संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण को जरूरी बताते हुए कहा कि सभी सीमॉक संस्थाओं में रक्त संग्रह व्यवस्था हो यह सुनिश्चित किया जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पतालों में उपलब्ध सोनोग्राफी, एक्सरे मशीने एवं अन्य उपकरणों के रखरखाव बेहतर ढंगसे करने के साथ ही ये मशीनें खराब न रहें यह सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने शिशु एवं मातृ, शिशु मृत्यु दर कम करने वाले कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से जिलों में लागू करने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य अधिकारी निरंतर इसकी समीक्षा करें और जहां भी उपलब्धि कम हो उसे पूरे करने के हर संभव प्रयास करें।
स्वास्थ्य मंत्री श्री मिश्रा ने एड्स कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देष देते हुए स्वास्थ्य अधिकारियां से कहा कि एड्स कार्यक्रमों की निरंतर मॉनिटरिंग करें। उन्होंने सभी जिलों में कॉल सेंटरों की व्यवस्था करने के निर्देष देते हुए स्वास्थ्य अमले में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ करने को कहा। श्री मिश्रा ने गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले मरीजों को निःशुल्क औषधि मिले इस पर विशेष ध्यान देने के निर्देष दिए। उन्होंने प्रसव जांच के लिए आने वाली महिलाओं के खून की जांच अनिवार्य रूप से करने को कहा।
श्री मिश्रा ने कहा कि राज्य शासन पूरे प्रदेश में विशेषकर सुदूर अंचलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों यह सुनिश्चित करना चाहती है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके लिए सरकार ने नीतिगत निर्णय लिए है ताकि हर स्तर पर सहज सुलभ तरीकें से आम मरीजों विशेषकर गरीबों को इलाज मिले। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिन संसाधनों की कमी है उन्हें भी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य के मैदानी अमले से कहा कि वे वर्तमान में उपलब्ध संसाधनों से मरीजांे को बेहतर इलाज दे और मानवीय रूख अपनाएं ताकि रोगियों को मानसिक रूप से भी राहत मिल सके। श्री मिश्रा ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में लापरवाही एक गंभीर मामला है इस पर सरकार सख्ती का रूख अपनाएगी।
बैठक में सभी संभागों के आयुक्त, कलेक्टर एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक निरंतर ग्यारह घंटे तक चली।
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By : News Team
एस.एस.पी. खाद पर केन्द्र द्वारा रियायती योजना समाप्त
भारत सरकार द्वारा सिगिंल सुपरफास्फेट (एस.एस.पी.) के लिये लागू रियायती योजना को आगामी एक अक्टूबर से आगे नहीं बढ़ाए जाने के कारण उसके मूल्य में वृद्धि होगी। इस रसायनिक खाद पर खुला बाजार मूल्य लागू होने से इसकी मूल्य वृद्धि का भार आगामी रबी फसल से ही सीधे किसानों पर होगा। इससे इसकी उपलब्धता भी बाजार के अनुसार हो जायेगी।
यह जानकारी आज यहां मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में रबी फसलों की तैयारी की समीक्षा में दी गई। इस संबंध में भारत सरकार के रसायन एवं खाद मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों एवं कृषि विभागों को पत्र भेजा है।
बैठक में बताया गया कि भारत सरकार ने वर्तमान सितम्बर माह तक के लिये एस.एस.पी. खाद पर रियायती योजना को बढ़ाया था। अब एस.एस.पी. खाद के निर्माताओं तथा इसके उत्पादन के लिये राक फास्फेट आयात करने पर अलग-अलग नियमों की घोषणा की गई है।
इस नयी व्यवस्था से किसानों को होने वाली परेशानी के संबंध में मुख्यमंत्री श्री चौहान केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिये पत्र लिखेंगे।
By : News Team